टूट सकते हैं, मगर झुकेंगे नहीं! पीएम मोदी की डायरी में अटल जी की अमर कविता
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। 'टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते...' ये पंक्तियां सिर्फ एक कविता नहीं हैं, बल्कि एक सोच, एक संकल्प और एक जीवन-दर्शन हैं। आज अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर ये शब्द फिर से चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ खास है। वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दशकों पुरानी निजी डायरी का वह हस्तलिखित पन्ना, जिसमें अटल की यह कविता लिखी है।