जब वाजपेयी ने 'अटल' फैसले से पोखरण में लिखा इतिहास, जिसने बदल दी भारत की ताकत और दुनिया की सोच
नई दिल्ली, 24 दिसंबर (आईएएनएस)। 11 मई 1998, दोपहर के ठीक 3 बजकर 45 मिनट, राजस्थान के पोखरण की तपती रेत के नीचे इतिहास करवट ले रहा था। उस क्षण भारत सिर्फ एक परीक्षण नहीं कर रहा था, बल्कि अपनी सामरिक आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रहा था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वह साहसिक कदम उठाया, जिसकी कल्पना तो वर्षों से थी, लेकिन निर्णय लेने का साहस कम ही दिखाया गया था।