पाचन से इम्युनिटी तक, सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है पांता भात
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। ओडिशा और बंगाल में पांता भात को सिर्फ बचा हुआ बासी चावल नहीं माना जाता, बल्कि इसे एक तरह का पोषक अमृत कहा जाता है। सदियों से लोग इसे अपने रोजमर्रा के खाने का हिस्सा बनाते आए हैं और आज विज्ञान भी इसके फायदों को मानने लगा है।