परमवीर पराक्रम: बदन छलनी, सीने में 'हाई' जोश, पाक फौज के उड़ाए होश
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। हमारे देश पर कई बार दूसरे देश ने युद्ध थोपने की कोशिश की है। लेकिन, हर युद्ध के अंत की पटकथा भारतीय सैनिकों ने अपने साहस और बलिदान से लिखी है। भारत की इस विजय यात्रा में कई नाम शामिल हैं, इनमें से एक नाम परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर होशियार सिंह का है। वे वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और अद्भुत धैर्य का प्रतीक हैं। 6 दिसंबर 1998 को दुनिया से विदा होने के बाद वे अपने पीछे एक ऐसा इतिहास छोड़ गए, जो सदियों तक पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।