'स्माइलिंग बुद्धा' के शिल्पकार डॉ. पीके अयंगर, एक वैज्ञानिक नहीं, एक विचार का अंत
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)। कैलेंडर में 21 दिसंबर की तारीख भारतीय विज्ञान की स्मृति-पट्टी पर दर्ज एक भारी गहरापन था। इसी दिन डॉ. पद्मनाभा कृष्णगोपाल अयंगर, वो वैज्ञानिक जिसने भारत के वैज्ञानिक आत्मसम्मान को परमाणु विस्फोट की ऊर्जा दी, दुनिया को अलविदा कह चुके थे। इस दिन भारतीय परमाणु कार्यक्रम से सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, एक वैचारिक लीडरशिप का युग हट गया। यह किसी वैज्ञानिक के निधन का शोक नहीं था। यह उस भारतीय आकांक्षा का मौन था, जिसने कभी पोखरण की रेत में 'स्माइलिंग बुद्धा' बनाकर दुनिया की अकड़ को चुनौती दी थी।