शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद क्यों नहीं करना चाहिए ग्रहण? जानें कारण

IANS | June 26, 2025 3:19 PM

नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। भगवान भोलेनाथ को प्रिय मास सावन शुरू होने वाला है। हिंदू धर्म में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है। वैसे तो विश्व के नाथ जल और बेलपत्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं। हालांकि, भक्त सामर्थ्य के अनुसार कई चीजें शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। शिवलिंग पर जल, दूध, बेल पत्र, फल समेत अन्य पूजन सामग्री चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। अकसर अपने बड़ों को आपने कहते सुना होगा कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। लेकिन, क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है? शिव पुराण में इस प्रश्न का उत्तर मिलता है।

पुरी में श्रद्धा की अलौकिक अनुभूति: यात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव

IANS | June 26, 2025 10:10 AM

पुरी, 26 जून (आईएएनएस)। पवित्र नगरी पुरी में भगवान जगन्नाथ के दो अत्यंत दिव्य और सांस्कृतिक रूप से जुड़े अनुष्ठानों- नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव का आयोजन हुआ है। जगन्नाथ विद्वान और उपदेशक पंडित सूर्य नारायण रथशर्मा ने बताया कि ये सिर्फ धार्मिक रस्में नहीं, बल्कि ओडिशा की महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति अद्वितीय और अटूट आस्था की अभिव्यक्ति हैं।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है खास, नगर भ्रमण पर निकलते हैं भगवान जगन्नाथ

IANS | June 26, 2025 8:39 AM

नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि पर भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ भ्रमण पर निकलते हैं। शुक्रवार, 27 जून, 2025 को जगन्नाथ रथयात्रा का त्योहार मनाया जाएगा।

शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग के बारे में कितना जानते हैं आप, शक्ति और विष्णु शिवलिंग में क्या है अंतर?

IANS | June 26, 2025 8:13 AM

नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। सनातन धर्म में शिवलिंग की अपनी महिमा है। शिवलिंग को साक्षात आत्म रूप माना गया है। लिंग पुराण के अनुसार शिवलिंग के तीन मूल भाग हैं, जिनके मूल में ब्रह्मा, मध्य भाग में विष्णु और ऊपर के भाग में महादेव स्थित हैं। इसके साथ ही वेदी में महादेवी विराजती हैं। शिव पुराण के अनुसार 10 तरह के शिवलिंग बताए गए हैं। शिवलिंग को परम ब्रह्म तथा संसार की समस्त ऊर्जा का प्रतीक भी बताया गया है।

माता पार्वती के पसीने की बूंदों से ‘बेल पत्र’ की उत्पत्ति, जानें धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व

IANS | June 25, 2025 4:49 PM

नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। भोलेनाथ को प्रिय सावन का पवित्र माह शुरू होने वाला है। ऐसे में उनके पूजन का विशेष महत्व है। विश्व के नाथ का पूजन हो और बेल पत्र पूजन सामग्री में शामिल न हो, ये तो असंभव है।

तेज, ऐश्वर्य और आरोग्य से भरा जीवन चाहिए तो इन सूर्य मंदिरों में जाकर करें दर्शन, जिंदगी बदल जाएगी!

IANS | June 25, 2025 8:43 AM

नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों में सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गई है। सूर्य की शुभता जिस भी जातक की कुंडली में हो, वह नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा एवं पिता का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रेम, विलासिता और रिश्तों के ग्रह शुक्र, इनके दोषों से मुक्ति चाहिए तो इन मंदिरों में करें दर्शन

IANS | June 24, 2025 8:36 AM

नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रेम, विलासिता और रिश्तों का ग्रह शुक्र को माना जाता है। शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं, विलासिता, प्रेम, अंतरंगता, आभूषण, जुनून, धन, दिखावट, कामुक संतुष्टि और जीवंतता का सूचक है।

देवताओं के गुरु से अपने लिए ज्ञान, संतान और धन-धान्य चाहिए तो इन मंदिरों में जाकर करें दर्शन, पूरी होगी हर मनोकामना

IANS | June 23, 2025 3:25 PM

नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 ग्रहों में से बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु बताया गया है। यानी गुरु ग्रह ज्ञान, सोच, संवाद, वाणी, धन, स्वास्थ्य और मान-प्रतिष्ठा के कारक हैं। शास्त्रों के अनुसार देवताओं ने भी भगवान बृहस्पति देव (गुरु) से ही ज्ञान प्राप्त किया था।

आचार्य प्रशांत ने किया योग के वास्तविक स्वरूप का पुनर्स्थापन; 40 से अधिक पीवीआर-आईएनओएक्स सिनेमाघरों में गीता सत्र का सीधा प्रसारण

IANS | June 21, 2025 9:30 AM

गोवा, 21 जून (आईएएनएस)। प्राशांतअद्वैत फाउंडेशन और पीवीआर-आईएनओएक्स की ओर से आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, प्रसिद्ध दार्शनिक और बेस्टसेलिंग लेखक आचार्य प्रशांत ने “भगवद्गीता के प्रकाश में योग” विषय पर देश को संबोधित किया। यह संबोधन गोवा के पीवीआर-आईएनओएक्स ओसिया से हुआ और इसे भारत भर के 40 से अधिक सिनेमाघरों में एक साथ लाइव प्रसारित किया गया।

अगर प्रसन्न हो जाएं मंगल देव तो रंक को बना सकते हैं राजा, भारत के इन मंदिरों में जाकर करें उनका दर्शन

IANS | June 21, 2025 8:02 AM

नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के नव ग्रहों में से मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। इसे भूमिपुत्र भी कहा गया है। इसके साथ ही बता दें कि इसकी प्रकृति काफी गर्म है, इसका सीधा संबंध व्यक्ति के रक्त से होता है। मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ जमीन का भी कारक माना गया है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी भी है। इसके साथ मंगल मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच का माना गया है।