डॉ. भगवान दास से लेकर राजनारायण बोस तक... 18 सितंबर को 'अलविदा' कहने वाली विभूतियां
नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। काशी ने देश को कई रत्न दिए। उन्हीं में से एक डॉ. भगवान दास भी थे। ये नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं। अंग्रेजी, हिंदी, अरबी, उर्दू, संस्कृत, फारसी, और ना जाने कितनी अन्य भाषाओं में उन्होंने गहन अध्ययन किया। काशी के इस महान व्यक्ति को देश का पहला भारत रत्न होने का गौरव प्राप्त है। वहीं, राजनारायण बोस बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध लेखक थे। उनका नाम भी इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उनकी लेखनी में एक अलग जादू था। वे एक उत्साही लेखक, शिक्षाविद्, साहित्यकार, सुधारक और राष्ट्रवादी थे।