यादों में 'फिराक' : 'हर बार छुपा कोई, हर बार नज़र आया' जीने वाले शायर
नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। 'बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं', ये अल्फाज हैं, उर्दू के महानतम शायरों में से एक फिराक गोरखपुरी के, जिनका असली नाम रघुपति सहाय था। उन्होंने अपनी गजलों, नज्मों और रुबाइयों से उर्दू शायरी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी लेखनी से इश्क, जीवन और भावनाओं को इतनी खूबसूरती के साथ पिरोया कि वह अपने दौर के मशहूर शायरों में शुमार हो गए।