कहीं आप नार्सिसिस्ट तो नहीं, आत्ममुग्धता से करियर में तरक्की पक्की लेकिन रिश्ते निभाना मुश्किल
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुझे ये सब कुछ आता है, मैं उससे बेहतर हूं...मैं तो कभी हार ही नहीं सकता/सकती...अगर आप भी यही सोचते हैं तो यकीन मानें आप नार्सिसिज्म के शिकार हैं। 'मैं ही मैं दूसरा कोई नहीं' सोच शख्स के करियर को ऊंचाइयों पर तो पहुंचा सकती है लेकिन रिश्तों के मामले में उसे पछाड़ सकती है। हिंदी में इसे आत्ममुग्धता कहते हैं। आयुष निदेशालय दिल्ली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसएजी) और इहबास इकाई के प्रभारी डॉक्टर अशोक शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में इससे जुड़े बड़े दिलचस्प फैक्ट्स साझा किए।