IANS
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September 29, 2024 12:06 AM
नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। तारीख 29 सितंबर 1942। जगह पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर में स्थित तामलुक कस्बा। महात्मा गांधी की अगुवाई में देश में भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था। शहर में महिलाओं की भीड़ शहर में स्थित पुलिस थाने में तिरंगा फहराने की योजना पर आगे बढ़ रही थी। महिलाओं की इस भीड़ को देख कर पुलिस ने गोली मारने की चेतावनी दी। महिलाएं रुक गईं। इतने में एक 70 साल की महिला झुंड के बीच से निकलकर अपने दाहिने हाथ में तिरंगा थाम लेती है और पुलिस थाने की तरफ अकेले बढ़ने लगती है। पुलिस अधिकारी इस महिला को रुकने की फिर चेतावनी देते हैं, लेकिन महिला हाथ में तिरंगा लिए रुकने का नाम नहीं लेती। महिला को न रुकता देख पुलिस महिला के दाहिने हाथ में गोली मारती है। गोली महिला के हाथ में लगकर आर-पार हो जाती है, लेकिन वह वंदे मातरम कहते हुए झंडा दूसरे हाथ में पकड़ कर, फिर से चल देती है। इस बार पुलिस महिला के दूसरे हांथ में गोली मारती है। इसके बावजूद वह झंडे को संभाले हुए आगे बढ़ती रहती है। महिला को रुकता न देख इस बार पुलिस उसके माथे पर गोली मारती है। महिला तिरंगे को हाथ में पकड़े, बेसुध होकर जमीन पर गिर जाती है। फिर भी तिरंगे को अपने सीने पर रख लेती है और भूमि पर गिरने नहीं देती।