सावन विशेष: 'नागेंद्रहाराय, त्रिलोचनाय...' 'शिव पंचाक्षर' से समझें कैसा है विश्व के नाथ का स्वरुप
नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। सावन का पावन महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव की भक्ति और साधना के लिए विशेष माना जाता है। इस दौरान 'शिव पंचाक्षर स्तोत्र' का पाठ भक्तों के लिए असीम पुण्य और आध्यात्मिक शांति का स्रोत बनता है। 'नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय...' जैसे शब्दों से सजा यह स्तोत्र भगवान शिव के विराट स्वरूप को उजागर करता है, जो उनकी महिमा, शक्ति और करुणा को दिखाता है। 'नम: शिवाय' पंचाक्षर मंत्र में विश्व के नाथ का स्वरुप सम्माहित है।