'मेरी गंगा कहां से लाओगे', जब उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को मिला था अमेरिका में बसने का प्रस्ताव

IANS | August 21, 2024 12:20 PM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। मौका था भारत की आजादी का और जगह थी दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला। 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से 200 साल की गुलामी के बाद आजादी मिली थी। इस ऐतिहासिक मौके पर एक ऐसी शख्सियत को भी बुलाया गया था जिन्होंने लाल किले पर शहनाई बजाकर भारत की आजादी को और भी यादगार बना दिया।

इस्मत आपा : अश्लील लेखिका का 'तमगा', कोर्ट का चक्कर, शब्दों ने बनाया 'लेडी चंगेज खान'

IANS | August 21, 2024 10:24 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। साहित्य जगत में 'लेडी चंगेज खान' के नाम से मशहूर इस्मत चुगताई किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं।

तीन चोर जिन्होंने लियोनार्डो द विंची की 'मोनालिसा' को रातों रात बना दिया 'मास्टरपीस'

IANS | August 21, 2024 10:00 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। 21 अगस्त 1911 की सुबह थी। ऊंघता पेरिस अंगड़ाई ले रहा था। लूव्र म्यूजियम के आस पास शांति थी। इसी दौरान तीन शख्स भारी कंबल की परत के भीतर म्यूजियम से कुछ लेकर जाते दिखे। क्या था इनके हाथों में! इसका जवाब अगले 24 घंटे तक किसी के पास नहीं था। इन चोरों के हाथ में लियोनार्डो द विंची की मोनालिसा थी। अमर कृति जो चोरी होने के बाद चर्चा में आई। दो साल बाद मिली तब पता चला कि चोरी की वजह क्या थी!

मिजाज से नरम लेकिन क्रांति के लिए 'गरम मन' वालों के समर्थक थे गांधीवादी काका कालेलकर

IANS | August 21, 2024 9:44 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बचपन में अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी आवाज बुलंद की कि डॉक्टर ने कड़वी दवाई को मीठा करने के लिए उसमें चीनी मिलाई तो दवा खानी ही छोड़ दी। यरवदा जेल में बापू ने कह दिया कि तुमने मुझसे झूठ बोला, धोखा दिया और पपीता खिलाया तो इन्होंने कसम खा ली कि ताउम्र पपीता नहीं खाउंगा। मीठे से दूरी के बाद भी जिनकी कलम साहित्य रचना के समय मिठास से भरी रही। उनकी साहित्यिक भाषा और शैली ओजस्वी थी क्योंकि उन्हें पराधीनता रास नहीं आती थी। अपने निबंधों को जिन्होंने हमेशा व्याख्यात्मक शैली में लिखा और कुछ रचनाएं तो ऐसी जिसमें उन्होंने विचारक के तौर पर उपदेशात्मक शैली के दर्शन कराए।

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस : बुजुर्गों के अनुभवों को सलाम करने का दिन, ताकि हम अपनी जड़ों से जुड़े रह सकें

IANS | August 21, 2024 9:32 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। "सफलता के लिए उम्र कोई बाधा नहीं, बल्कि ज्ञान की सीढ़ी है...एक ऐसी दुनिया जहां लगातार परिवर्तन हो रहा है, वहां बुजुर्गों में ज्ञान, अनुभव और स्थिरता का भंडार है।" किसी अज्ञात द्वारा कही ये लाइनें उम्रदराज होने की अहमियत को बखूबी बयां करती हैं। क्योंकि "बूढ़ा होना बीमारी नहीं बल्कि एक जीत है।" जिंदगी की इस जीत के प्रति हमें संवेदनशील बनाने के लिए 21 अगस्त को मनाया जाता है 'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस।'

हाजीपुर में बाइक सवार बदमाशों ने वार्ड पार्षद को गोली मारी, मौत

IANS | August 20, 2024 10:24 PM

हाजीपुर (बिहार), 20 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के हाजीपुर जिले में मगंलवार रात बाइक सवार बदमाशों ने एक वार्ड पार्षद की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना सदर थाना क्षेत्र के दिग्गी कला पश्चिमी की है।

बर्थडे स्पेशल: 120 घंटे की भूख ने नारायण मूर्ति की बदल डाली जिंदगी

IANS | August 20, 2024 12:43 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। वो 70 का दौर था। विदेश में नौकरी करते हुए नागवारा रामाराव नारायण मूर्ति ने यूरोप घूमने का फैसला किया, जानते थे कि फैसला अब न लिया तो घूम नहीं पाएंगे। दुनिया को समझ नहीं पाएंगे। निकल पड़े सैर पर, लेकिन हिचहाइकिंग के जरिए। यानि लिफ्ट लेकर मुफ्त में ट्रैवल करने के तरीके को अपना।

त्रिलोचन शास्त्री : समाज की नब्ज समझने वाला कवि, जिन्होंने शेक्सपीयर और मिल्टन को भी पीछे छोड़ दिया

IANS | August 20, 2024 10:47 AM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। 'हमेशा पुरानी पीढ़ी नई पीढ़ी से निराश रही है। नई पीढ़ी भी पुरानी पीढ़ी बनकर निराश होती रही है।' अरसे पहले कवि त्रिलोचन की इन बातों से आज के दौर के लोग जरूर इत्तेफाक रखते होंगे।

36 साल पहले हिमालय ने दिखाया था ऐसा रूप, आज भी सिहर जाता है नेपाल

IANS | August 20, 2024 9:43 AM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। 20 अगस्त 1988 का दिन नेपाल के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं था। इस दिन आए जलजले ने तबाही मचा दी थी। सड़क के चारों ओर दिल दहलाने देने वाला मंजर था किसी ने अपनी परिवार को खो दिया था तो कई लोगों के घर जमींदोज हो गए थे। लोगों ने इस भूकंप में अपना बहुत कुछ गंवाया।

विश्व फोटोग्राफी दिवस : उन हुनरमंदों को सलाम करने का दिन, जिन्होंने वक्त बेवक्त दुनिया को दिखाया आईना

IANS | August 19, 2024 9:09 AM

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। हाल ही में दुनिया ने बांग्लादेश को उजड़ते देखा। भीड़ का कोई ईमान नहीं होता इसका सुबूत भी देखा। शेख मुजीबुर्रहमान की आदमकद प्रतिमा की बेअदबी होते देखी। दिल दहला देने वाला मंजर था, यह वो तस्वीरें थीं जो कुछ दिनों बाद किसी दूसरी तस्वीर से रिप्लेस हो जाएंगी लेकिन स्मृति पटल पर हमेशा रहेंगी। ये इतिहास के सीने पर खुरच के जड़ दी गई हैं।