हाथ में गीता, चेहरे पर मुस्कान, 18 की उम्र में दी गई थी स्वतंत्रता संग्राम के वीर खुदीराम बोस को फांसी
नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। देश की आजादी की बात आती है तो वीर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम जहन में गूंजने लग जाते हैं। देश की आजादी की लड़ाई में भगत सिंह हो या चंद्रशेखर आजाद या फिर सुभाष चंद्र बोस, हर किसी ने अपना बलिदान दिया। लेकिन, शहीदों की सूची में एक नाम ऐसा भी था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। जब उन्होंने फांसी के फंदे को गले लगाया तो उस समय उनकी उम्र महज 18 साल थी।