सूखी या बलगम वाली खांसी में रामबाण इलाज कांटेदार पौधा भटकटैया, काढ़ा देता है झट से आराम
नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)। ‘जे मुंह से श्रापे, उ मुंह में कांटा धंसे, हमरे भाई क उमर बढ़े...’ ये वही पंक्तियां है जब बहनें भटकटैया के कांटे को भाईदूज (पर्व) के मौके पर अपने जीभ में चुभोकर बोलती हैं। केवल पर्व ही नहीं आयुर्वेद में भी भटकटैया का बहुत महत्व है। आज जानने की बारी है रेंगनी के बारे में जिसके इस्तेमाल से रोग-व्याधी कोसो दूर चले जाते हैं।