कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीक एआई टूल 'इकोनेक्स्ट', कम लागत में बताएगा दिल का हाल

IANS | July 17, 2025 1:29 PM

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल विकसित किया है, जो कम लागत में मिलने वाले इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) डेटा का उपयोग करता है। इस टूल की खासियत यह है कि यह छिपी हुई दिल की बीमारियों को पहचानने में कार्डियोलॉजिस्ट से भी ज्यादा सटीक साबित हो सकता है।

हर बार पेट दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकता है आईबीएस

IANS | July 17, 2025 10:15 AM

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। हमारी सेहत की जड़ हमारे पेट में होती है। जब पाचन सही होता है, तो शरीर ऊर्जा से भरपूर रहता है, मन शांत रहता है और रोगों से लड़ने की ताकत बनी रहती है। लेकिन जब पेट बार-बार खराब रहने लगे, कभी दस्त तो कभी कब्ज की समस्या हो, तो यह सामान्य नहीं बल्कि किसी गहरी परेशानी का संकेत हो सकता है। ऐसी ही एक समस्या है 'इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम' (आईबीएस)। यह एक लंबी चलने वाली पाचन संबंधी स्थिति है, जो व्यक्ति की दैनिक जीवनशैली, मानसिक स्थिति और आंतरिक संतुलन को गहराई से प्रभावित करती है।

कंधों से लेकर पेट तक, हर मांसपेशी को करें मजबूत, जानें कुक्कुटासन के फायदे

IANS | July 17, 2025 8:56 AM

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग हमें भीतर से ऊर्जा देता है। इसके अभ्यास से न केवल हम शारीरिक रूप से मजबूत बनते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी शांत और स्थिर रहते हैं। हर एक योगासन शरीर के लिए लाभकारी है, और इनमें से एक है 'कुक्कुटासन'। 'कुक्कुट' एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है 'मुर्गा', और 'आसन' का अर्थ 'मुद्रा' है, यानी इस आसन में शरीर की स्थिति एक मुर्गे जैसी दिखती है, इसलिए इसे 'कुक्कुटासन' कहते हैं। यह योगासन दिखने में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसके फायदे अनगिनत हैं। यह न सिर्फ आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है, बल्कि आपके दिल का ख्याल भी रखता है।

समोसा, जलेबी नाश्ते के लिए स्वास्थ्य चेतावनी बोर्ड लगाना अच्छी पहल : डॉ. रीमा दादा

IANS | July 16, 2025 11:49 PM

नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली एम्स की प्रोफेसर एवं मीडिया प्रवक्ता डॉ. रीमा दादा ने सरकारी कैंटीनों और रेस्टोरेंट में समोसा, जलेबी जैसे नाश्ते के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने के फैसले का स्वागत किया।

गुजरात : 17 जिलों के जनजातीय समुदायों के 2,000 व्यक्तियों की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

IANS | July 16, 2025 3:59 PM

गांधीनगर, 16 जुलाई (आईएएनएस)। फार्मास्यूटिकल्स और रसायन क्षेत्रों के बाद गुजरात ने अब जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी प्रगति की है। गुजरात में जनजातीय क्षेत्रों के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए जनजातीय जीनोम अनुक्रमण परियोजना शुरू की गई है। इस तरह का प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाला गुजरात पहला राज्य है। जनजातीय मामलों के मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर ने इस उपलब्धि की जानकारी दी है।

भारतीय फार्मा मार्केट जून में 11.5 प्रतिशत की मजबूत दर से बढ़ा : रिपोर्ट

IANS | July 16, 2025 12:49 PM

नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय फार्मा मार्केट (आईपीएम) ने इस वर्ष जून में सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर दर्ज की। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

दुनिया के 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे 2024 में वैक्सीन की सिंगल डोज से भी रहे महरूम: संयुक्त राष्ट्र

IANS | July 15, 2025 12:28 PM

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र की दो बड़ी संस्थाएं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ, ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया है कि साल 2024 में दुनिया भर में 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है। इन्हें वैक्सीन की एक डोज तक नहीं मिली।

खांसी, दर्द और सूजन को दूर करने में माहिर है 'नीलगिरी',

IANS | July 15, 2025 11:34 AM

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। सेहत को बनाए रखने के लिए आजकल लोग प्राकृतिक चीजों की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। प्रकृति में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो हमारे शरीर को रोगों से दूर रखते हैं। इनमें से एक है 'नीलगिरी', जिसे यूकेलिप्टस भी कहा जाता है, एक अत्यंत लाभकारी पेड़ है। इसका हर एक हिस्सा, खासकर इसके पत्तों से निकाले जाने वाला तेल, औषधीय रूप में गुणकारी माना जाता है, जो कई बीमारियों और तकलीफों में रामबाण की तरह काम करता है। अगर आपको सर्दी-खांसी, जोड़ों का दर्द, गठिया, साइटिका, या फिर सूजन की समस्या है, तो नीलगिरी का तेल आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। लेकिन इसका इस्तेमाल बेहद सावधानी से करना चाहिए।

ऑफिस वालों के लिए वरदान है 'सेतुबंधासन', कमर और रीढ़ दर्द से मिलती है राहत

IANS | July 15, 2025 8:50 AM

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। हर दिन की भागदौड़, तनाव, काम का दबाव और अनियमित जीवनशैली का सीधा असर हमारे शरीर और दिमाग पर पड़ता है। अक्सर लोग खुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और पाचन जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। ऐसे में अगर हम रोज थोड़ा सा समय योग के लिए निकाल लें, तो ये छोटी-छोटी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती हैं। योग सिर्फ शरीर को लचीला या मजबूत बनाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। कई योगासनों में एक आसन है– 'सेतुबंधासन', जिसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है। यह आसन खासकर ऑफिस वालों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो पूरे दिन कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं।

जीवनशैली में बदलाव से मानसिक शांति मिल सकती है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

IANS | July 14, 2025 11:36 PM

भुवनेश्वर, 14 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भुवनेश्वर के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।