‘शहंशाह-ए-गजल’ : मेहदी हसन की आवाज की दुनिया मुरीद
मुंबई, 12 जून (आईएएनएस)। ‘मोहब्बत करने वाले कम न होंगे, तिरी महफिल में लेकिन हम न होंगे’ यही नहीं, ‘अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें’ ये पंक्तियां जितनी खूबसूरत और इमोशंस से भरी हैं, उतनी ही खूबसूरती से इसे अपनी आवाज में ‘शहंशाह-ए-गजल’ के नाम से मशहूर मेहदी हसन ने उतारा था।