'नास्तिक' पेरियार जिन्होंने भेदभाव का किया विरोध, यूनेस्को ने कहा 'दक्षिण एशिया का सुकरात'

IANS | September 16, 2024 8:26 PM

नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। द्रविड़ आंदोलन के जनक ई.वी. रामासामी 'पेरियार' धारा के विपरीत बहने में माहिर थे। समाज के सेट नियमों को ठेंगा दिखा, प्रचलित धारणाओं को धता-बता आगे बढ़ने में यकीन रखते थे। तार्किक आधार पर हिंदू धर्म की खामियां बताने में गुरेज नहीं किया। फटकारे गए, विरोध हुआ फिर भी जो चाहा उसे कहने से कभी हिचके नहीं। इसी पेरियार ने भविष्य की दुनिया को लेकर सपना संजोया। क्या थी वो संकल्पना? कैसा चाहते थे वह आदर्श समाज?

पाप मुक्ति के लिए करें 'अनंत' पूजा, अंक 14 से है खास संबंध

IANS | September 16, 2024 1:09 PM

नई दिल्ली, 16 सितंबर, आईएएनएस। भगवान श्रीहरि के अनंत रूप को पूजा जाता है अनंत चतुर्दशी यानि चौदस पर। अनंत मतलब जिसकी कोई सीमा नहीं। असीमित। भगवान के शेषनाग स्वरूप का पूजन होता है। कहते हैं हर बाधा मुक्त होने के लिए उन्हें पूजा जाता है। 2024 में 17 सितंबर को इसे मनाया जा रहा है। चतुर्दशी पर 14 अंक का महत्व होता है। आखिर ये 14 होते क्या हैं? भगवान विष्णु से इसका कनेक्शन क्या है?

सुल्तान महमूद गजनवी ने अल-बेरूनी को बनाया था कैदी, जब भारत आए तो लिख डाली 'किताब-उल-हिन्द'

IANS | September 14, 2024 3:39 PM

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। भारत विश्‍व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जिसकी धरती पर सैकड़ों सालों के दौरान न जाने कितने लोग आए और गए। कोई यहां की खूबसूरती और संस्कृति का कायल हुआ तो किसी ने भारत की विरासत को मिटाने की कोशिश की। लेकिन, इसके बावजूद भारत आज भी अपनी पुरानी परंपरा और रीति रिवाज को बरकरार रखे हुए हैं।

"तीसरे सप्तक" ने दिलाई थी सर्वेश्वर दयाल सक्सेना को शोहरत, अपनी कविताओं से सिखाया जीवन जीने का सलीका

IANS | September 14, 2024 3:27 PM

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। 'अक्सर एक गंध, मेरे पास से गुजर जाती है, अक्सर एक नदी मेरे सामने भर जाती है, अक्सर एक नाव आकर तट से टकराती है, अक्सर एक लीक दूर पार से बुलाती है', ये कविता लिखी थी सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने, जिनकी लेखनी के बिना हिंदी साहित्य की कल्पना करना भी बेईमानी होगी।

हिंदी दिवस विशेष : भारत ही नहीं, इन देशों में भी हिंदी को मिली खास मान्यता

IANS | September 13, 2024 6:22 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का एक देश है, जो पूरी दुनिया के लिए अनेकता में एकता का शाश्वत उदाहरण है। इस देश को एकसूत्र में बांधने का काम हिंदी भाषा करती है। हिंदी को 'भारत की आत्मा' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस भाषा के जरिए आप पूर्व से पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक जुड़ सकते हैं। कहने का मतलब, हिंदी भारत के माथे पर लगी बिंदी है।

हैदराबाद का भारत में विलय, कई दिनों तक चले 'ऑपरेशन पोलो' में आखिर क्या हुआ?

IANS | September 13, 2024 1:31 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। 15 अगस्त, 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन इसके बाद भी देश को पूर्ण तरह से स्वतंत्र होने में काफी समय लगा। अंग्रेजों ने भारत को दो हिस्सों (पाकिस्तान और भारत) में बांट दिया था, लेकिन इसके साथ ही 500 से अधिक रियासतों को भी बीच मझधार में छोड़ दिया था। उन्हें एकजुट करने की चुनौती उस समय देश के कर्ता-धर्ता के सामने एक बड़ी परेशानी का सबब था।

कौन थीं भारत की महिला क्रांतिकारी नगेंद्र बाला, जो आजादी के बाद बनीं पहली जिला प्रमुख

IANS | September 13, 2024 8:46 AM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। ब्रिटिश राज्य से आजाद कराने में भारत माता की कई संतानों ने अहम योगदान दिया। उस वक्त महिलाएं ज्यादातर घर में दुबकी रहती थीं या ड्योढ़ी से बाहर कदम कम ही रखती थीं। जिन्होंने हिम्मत दिखाई वो रानी लक्ष्मी बाई, सरोजिनी नायडू और कस्तूरबा गांधी कहलाईं। इन वीर सेनानियों ने कइयों को प्रेरित भी किया। इनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने वालों में से एक थीं नगेन्द्र बाला। ये नाम अपने आप में ही त्याग, बलिदान और देश के प्रति जुनून की गाथा है।

प्रभा अत्रे: ‘जिन्होंने किराना’ घराने की खासियत को रखा बरकरार, गुरु-शिष्य परंपरा के लिए उठाया था ये कदम

IANS | September 13, 2024 8:26 AM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। फिल्म संगीत हो, शास्त्रीय संगीत या फिर लोक संगीत। इस मॉडर्न युग में हर कोई म्यूजिक सुनता है, लेकिन इसे समझने की महारत सिर्फ चुनिंदा लोगों या फिर संगीत घरानों के पास ही होती है। संगीत पर अटूट पकड़ ही उन्हें महान बनाती है।

नींद बिना दवाई के आ जाए तो आपकी आधी फिक्र उड़नछू

IANS | September 10, 2024 2:43 PM

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। बेफिक्र नींद स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। कैसे? तो बस हमारी अपनी चिकित्सा पद्धति के सहज सूत्रों का पालन कर। आयुर्वेद उपचार का नहीं जीवन को सही तरीके से जीने का नाम है। बस फिर क्या जीवन में कुछ खास सूत्रों को अपनाएं और निश्चिंत हो जाएं।

जयंती विशेष: असित हालदार रवीन्द्रनाथ टैगोर के 'नाती' जिनकी कूची ने रची कहानियां

IANS | September 10, 2024 11:36 AM

नई दिल्ली, 10 सितंबर, आईएएनएस। "तुम चित्रकार ही नहीं कवि भी हो यही कारण है कि तुम्हारी तूलिका से रस धारा बहती है, तुम्हारी चेतना ने मिट्टी में भी प्राण फूंक दिए हैं।'' गुरुवर रवीन्द्रनाथ टैगोर के यह शब्द उस रचनाकार के लिए हैं जिसने अपनी कूची के जरिए कहानियां रची। बीसवीं सदी का ऐसा कलाकार जिसे अंग्रेजों ने भी सम्मानित किया और जो गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर के रिश्ते में नाती लगते थे। नाम था असित के हालदार। जिनकी शैली जितनी सहज थी उतनी ही मानवीय संवेदनाओं को कुरेदने वाली भी।