सावन विशेष : पांच प्रांगण और 18 सौ साल पुराना इतिहास, जल में डूबा रहता है ‘पंच भूत स्थलों’ में से एक यह शिवालय

IANS | August 5, 2025 3:54 PM

त्रिची, 5 अगस्त (आईएएनएस)। विश्व के नाथ को समर्पित सावन का महीना अपने आप में अद्भुत है। इस दौरान देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। हालांकि, यह महीना न केवल देवाधिदेव की भक्ति में डूबने बल्कि उन तमाम मंदिरों के बारे में जानने का भी है, जो कई सौ साल पुराने इतिहास के साथ ही आश्चर्य को भी समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक प्राचीन शिवालय तमिलनाडु के त्रिची में स्थित है, जो 1,800 साल पुराना है। नाम है, जंबुकेश्वर मंदिर।

सावन का प्रदोष व्रत और शिव वास योग : महादेव को प्रसन्न करने का उत्तम दिन

IANS | August 5, 2025 9:12 AM

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। सावन मास में प्रदोष व्रत और शिव वास योग का संयोग भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस बार 6 अगस्त को सावन का अंतिम प्रदोष व्रत है, जिसमें मंगलकारी शिव वास योग भी बन रहा है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक और पूजन करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।

सावन विशेष : अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय... दुर्गम चोटियों पर बसे 5 धाम, जहां साक्षात स्वरूप में विराजते हैं महादेव

IANS | August 4, 2025 5:15 PM

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। देवों के देव महादेव को प्रिय सावन का महीना जारी है। देश-दुनिया के कुछ मंदिरों के अलावा ऐसी पवित्र जगह भी हैं, जहां महादेव अपने गण के साथ निवास करते हैं। इनमें से सबसे खास हैं ‘पंच कैलाश’। इन पांच शिखरों पर अध्यात्म, रहस्य और रोमांच एक-दूसरे से मिलते हैं। इनमें तिब्बत में कैलाश मानसरोवर, उत्तराखंड में आदि कैलाश, हिमाचल प्रदेश में मणि महेश, किन्नौर कैलाश और श्रीखंड महादेव हैं।

सावन पुत्रदा एकादशी : महादेव और नारायण की कृपा पाने का विशेष दिन

IANS | August 4, 2025 9:16 AM

नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। सावन पुत्रदा एकादशी का पावन व्रत 5 अगस्त को है। यह व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है, जो भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का विशेष दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत संतान सुख, समृद्धि और पारिवारिक सौहार्द के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

सावन विशेष : विज्ञान को चुनौती देता 11वीं शताब्दी में निर्मित महादेव का मंदिर, यहां है शिव की 'छाया'

IANS | August 3, 2025 5:54 PM

तेलंगाना, 3 अगस्त (आईएएनएस)। ‘विश्व के नाथ’ को समर्पित सावन का महीना जारी है। देश-दुनिया के हर शिवालय में ‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ की गूंज है। देश में प्रत्येक शिव मंदिर अपने आप में भक्ति और आश्चर्य के साथ एक कथा को समेटे हुए है। ऐसा ही एक शिवालय तेलंगाना के नलगोंडा जिले में स्थित है, जो न केवल भक्ति की गाथा को सुनाता है, बल्कि हैरत में भी डालता है।

क्या है 'विश्व के नाथ' की प्रतिदिन होने वाली ‘सप्त ऋषि' आरती, 750 वर्षों से चली आ रही परंपरा

IANS | August 3, 2025 3:19 PM

वाराणसी, 3 अगस्त (आईएएनएस)। धर्मनगरी, गंगानगरी कहें या शिवनगरी... देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन के महीने में उनकी नगरी एक अलग ही रंग में रंगी हुई है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भक्ति और आध्यात्मिकता के रंग में डूबा हुआ है। हर शाम होने वाली ‘सप्त ऋषि आरती’ भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव है, जिसका इतिहास 750 वर्षों से भी अधिक पुराना है।

भारतीय रंगमंच के ‘भीष्‍म पितामह’: जो मानते थे, यह केवल विधा नहीं, जीने का तरीका है

IANS | August 3, 2025 12:31 PM

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रंगमंच के ‘भीष्म पितामह’ कहे जाने वाले इब्राहिम अल्काजी की पुण्यतिथि 4 अगस्त को है। 18 अक्टूबर 1925 को पुणे में जन्मे अल्काजी ने भारतीय रंगमंच को न केवल एक नई पहचान दी, बल्कि इसे जीने का एक तरीका बनाया।

सावन का अंतिम सोमवार: दुर्लभ योग में करें महादेव की पूजा, मिलेगा विशेष फल

IANS | August 3, 2025 9:01 AM

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन महीने का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन ब्रम्हा, इंद्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन दुर्लभ योगों में महादेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। दृक पंचांग के अनुसार, सूर्योदय सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 10 मिनट पर होगा।

वेदांत दर्शन को बनाया सर्व सुलभ, चिन्मय मिशन से लाखों लोग सीख रहे जीने का ढंग

IANS | August 3, 2025 12:16 AM

नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। स्वामी चिन्मयानंद भारत के उन महान आध्यात्मिक चिंतकों में से एक थे, जिन्होंने वेदांत दर्शन को न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर जन-जन तक पहुंचाया। उनका मूल नाम बालकृष्ण मेनन था और उनकी जीवन यात्रा एक पत्रकार से संन्यासी और फिर वेदांत के विश्वविख्यात विद्वान तक की रही।

भारतीय कला के युगपुरुष; मिट्टी से मूर्तियों तक जिनकी कला लोकजीवन की संवेदना का प्रतीक बन गई

IANS | August 1, 2025 10:49 PM

नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। जब भारतीय कला के इतिहास में आधुनिकता की पहली गूंज सुनाई दी, तो उसमें सबसे बुलंद स्वर, रामकिंकर बैज का था। ग्रामीण भारत की मिट्टी से निकले इस कलाकार ने न केवल भारतीय मूर्तिकला को एक नई पहचान दी, बल्कि उसे जनता के बीच ले जाकर लोकजीवन, श्रम, संघर्ष और संवेदना का प्रतीक बना दिया।