सिनेमा के ‘गुरु दत्त’: मौत के बाद भी फिल्मों ने दिलाई प्रशंसा, दर्दनाक था अंत
नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। हिंदी सिनेमा की चमक-दमक, स्टारडम, शान-ओ-शौकत और धन-दौलत की चकाचौंध बाहरी दुनिया को भले ही मंत्रमुग्ध कर दे, लेकिन इसके भीतर एक ऐसी गहराई छिपी है, जो सवालों, संवेदनाओं और मानवीय संघर्षों से भरी पड़ी है। गुरु दत्त, भारतीय सिनेमा के एक ऐसे सितारे थे, जिन्होंने इस चमकती दुनिया के पीछे छिपे दर्द, प्रेम और सामाजिक सच्चाइयों को अपनी फिल्मों के माध्यम से उजागर किया।