मुबारक बेगम : जिन्होंने 115 से अधिक फिल्मों में दी अपनी मधुर आवाज, गरीबी और गुमनामी में छोड़ी दुनिया
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। हिंदी सिनेमा के लिए 1950 से 1970 का दशक वह दौर था जब लता मंगेश्कर और मोहम्मद रफी की आवाज हर दिल की धड़कन थी। उनके गीत हर जुबान पर चढ़े थे, और उनकी मधुरता हर महफिल की शान थी। लेकिन इस चकाचौंध भरे दौर में एक ऐसी गायिका भी थीं, जिनकी मखमली और भावपूर्ण आवाज ने लाखों दिलों को छुआ, फिर भी वे समय की भीड़ में कहीं पीछे रह गईं। हम बात कर रहे हैं मुबारक बेगम की, जिनकी गायकी का जादू 'कभी तन्हाइयों में यूं, हमारी याद आएगी' जैसे गीतों में आज भी जिंदा है।