12 वर्ष की उम्र, पिता का 16 मिमी कैमरा, जब श्याम बेनेगल ने छोटी-सी उम्र में पर्दे पर फिल्माई थी कहानी
December 13, 2025 5:13 PM
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। श्याम बेनेगल के बिना शायद भारतीय फिल्मों के इतिहास की बात अधूरी होगी। करीबी उन्हें श्याम बाबू बुलाया करते थे। एक ऐसे फिल्ममेकर जिन्होंने परंपराओं को चुनौती दी, चाहे वह अंकुर में जातिगत समीकरणों की बात हो, मंथन में डेयरी कोऑपरेटिव आंदोलन की, या भूमिका में महिलाओं की भावनात्मक जटिलताओं की, बेनेगल की फिल्में बिना किसी लाग-लपेट के सच्ची और प्रासंगिक रहीं। श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्मों से भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी, उसे सामाजिक चेतना से जोड़ा और कई प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया।