जैनेंद्र कुमार : भारत का मानचित्र बनाकर लिए थे 'फेरे', ठुकरा दिया था 'हिंदी सलाहकार' का पद
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य के मनोवैज्ञानिक कथाकार जैनेंद्र कुमार की लेखनी ने हिंदी उपन्यास को नई दिशा दी। मनोविश्लेषण की गहराई से पात्रों के अंतर्मन को उन्होंने कलम के साथ कोरे कागज पर उकेरा। नई विचारधारा और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण कुछ आलोचकों ने उन्हें विवादास्पद माना, लेकिन कई साहित्यकारों ने उन्हें 'मानव मन के मसीहा' या 'नए युग का प्रवर्तक' भी कहा।