'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल': सामाजिक-राजनीतिक अशांति का मार्मिक चित्रण

IANS | September 1, 2024 4:36 PM

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। एक फिल्म की कहानी बांग्लादेश की हिंदू महिला सुहासिनी (अर्शिन मेहता द्वारा अभिनीत) के बारे में है, जो एक नरसंहार में अपने माता-पिता की मौत के बाद भागने के लिए मजबूर है। इस्लामिक उग्रवादी उसे सुंदरबन पार करने में मदद करते हैं, लेकिन उनका एक एजेंडा है।

ऋतुपर्णो घोष दमदार शख्सियत, सिनेमा से लगाव जबरदस्त, गुलजार के होते हुए 'रेनकोट' में लिखे गीत वो भी मैथिली में

IANS | August 31, 2024 12:39 PM

नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। ऋतुपर्णो घोष एक निर्देशक, कहानीकार, लेखक का नाम नहीं बल्कि एक 'जॉनर' का नाम है, इंटलैक्चुअल सिनेमा वाला! सत्यजीत रे के निधन बाद शून्यता आ गई थी। उस वैक्यूम को भरने का काम कुछ अलग सोच के मालिक ऋतुपर्णो ने किया। 'हीरेर अंगूठी' से शुरू हुआ सफर चोखेरबाली, रेनकोट से होता हुआ चित्रांगदा तक शानदार रहा। एक ऐसा रचानाकार जिसे खुद को दीदी या दादा कहलाने से फर्क नहीं पड़ा, महिलाओं की तरह बनना संवरने में शर्मिंदगी नहीं महसूस की और अपनी सेक्सुएलिटी को लेकर कुछ नहीं छिपाया। 31 अगस्त 1963 को इनका जन्म हुआ था।

कहां तुम चले गए : दुनिया को जल्द ही अलविदा कह गए बॉलीवुड के ये कलाकार

IANS | August 30, 2024 8:10 PM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। किसी भी कलाकार का दुनिया से जाना बेहद दुखद होता है। वह अपने पीछे चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त को एक दर्द दे जाते हैं। यह फिल्म इंडस्ट्री के लिए जितना बड़ा झटका होता है, उनके लाखों चाहने वालों के लिए भी बेहद दुखदायी होता है।

दर्शकों को कॉमेडी व कहानी की गारंटी देती है फ‍िल्‍म 'पड़ गए पंगे'

IANS | August 30, 2024 5:14 PM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। यह कहानी रिटायर्ड गणित शिक्षक शास्त्री जी (राजेश शर्मा) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी दिवंगत पत्नी सुधा की यादों से भरे एक पुराने घर में खुशी-खुशी रहते हैं।

जन्मदिन विशेष: गुरु रंधावा को रातों-रात इस गाने ने बनाया स्टार

IANS | August 30, 2024 9:54 AM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। ‘बन जा तू मेरी रानी तैनूं महल दवा दूंगा, बन मेरी महबूबा मैं तैनूं ताज पवा दूंगा’ यह लाइनें पंजाब के गुरदासपुर में रहने वाले एक सामान्‍य परिवार के लड़के ने स्‍कूल में एक लड़की को इंप्रेस करने के लिए कहीं, लेकिन उसे क्या पता था कि वह लड़की उसे रिजेक्ट कर देगी! कहानी यहीं खत्म नहीं हुई आगे बढ़ी फिर जो हुआ वो गुरु के क्लियर विजन को दर्शाता है।

'दिल का हाल' सुनाने वाला 'दिलवाला' जिनकी कलम ने 'तीसरी कसम' ली कि जो भी लिखेंगे वह लोगों को जिंदगी-जिंदगानी याद रहेगी

IANS | August 30, 2024 8:38 AM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। 'नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए, बाकी जो बचा था काले चोर ले गए' आपने अपने घरों में भी इस गीत को गाते-गुनगुनाते बच्चों को सुना होगा। आपको पता है इस गीत को किसने लिखा? शायद नहीं! तो हम आपको बता दें कि बच्चों के लिए जिनकी कलम से ये मोती नुमा उद्गार निकलकर पन्नों पर आए उनका नाम था शंकरदास केसरीलाल शैलेंद्र। हां, वही गीतकार शैलेंद्र जिन्होंने, प्रेम, विरह और संघर्ष के साथ सामाजिक जीवन को दर्शाते कई ऐसे गीत लिखे जो आज भी लोगों की जुबां पर है। मानवता शैलेंद्र के गीतों के केंद्र में रही और वह गीतों के जरिए ही समाज को बदलने का प्रयास करते रहे। उन्होंने अपने गीतों में प्रेम और अध्यात्म दोनों का तड़का लगाकर हमारे सामने परोस दिया।

जन्मदिन विशेष: 'शिवा' से हिंदी सिनेमा जगत में छा गया था ये स्टार

IANS | August 29, 2024 1:53 PM

नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। 1990 में रिलीज हुई शिवा, एक कल्ट फिल्म कह सकते है क्योंकि इसके बाद सिनेमा पर्दे पर कॉलेज पॉलिटिक्स, छात्रों की लड़ाई, मार-पीट दिखाने में बड़ा बदलाव दिखा। शिवा का साइकिल की चेन उखाड़कर गुंडों पर ताबड़तोड़ वार करना जेहन पर छा गया। अत्याचार के खिलाफ लड़ते शिवा की भूमिका निभाई थी अक्किनेनी नागार्जुन ने। साउथ सुपर स्टार जो आज 64 साल के हो गए हैं। साउथ सिनेमा का वो नामी अभिनेता जिसने साउथ फिल्म इंडस्ट्री में तो नाम कमाया ही साथ ही बॉलीवुड पर भी अपना दबदबा कायम रखा।

'जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी-मेरी कहानी है' दुनिया को यह बताकर अलविदा कह गए यह मशहूर सिंगर

IANS | August 27, 2024 9:30 AM

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। तानसेन ने राग मल्हार छेड़ा तो बारिश हुई। ऐसे ही हिंदी सिनेमा में एक गायक हुए जिन्होंने जब 'बरखा रानी जरा जम के बरसो...' गाना शुरू किया तो स्टूडियो में इस गाने की रिकॉर्डिंग के समय अंदर बैठे लोगों को पता भी नहीं चला की बाहर आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे हैं। फिर क्या था इधर गाना रिकॉर्ड होता रहा और उधर काले बादल आसमान में मंडराने लगे और फिर शुरू हुई झमाझम बारिश, जब सबने बाहर आकर देखा तो बादल बरस रहे थे, इससे सभी अचरज में थे। ऐसा लगा कि जिस तल्लीनता के संग यह गीत गाया जा रहा था, उसे बरखा रानी ने सुन लिया हो और वह बिन मौसम बरस पड़ी थी।

डिप्रेशन के बाद 'गोलमाल', लोगों को पता भी नहीं चला इस डायरेक्टर का दर्द, क्योंकि पर्दे पर उनकी फिल्म दर्शकों को गुदगुदाती रही

IANS | August 27, 2024 8:48 AM

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। मनोरंजन, मनोरंजन और मनोरंजन हिंदी सिनेमा इससे अलग कुछ और नहीं रही। हालांकि इस सब के बीच सिनेमा ने आईने की तरह समाज को उसका स्वरूप भी दिखाया और साथ ही वह संदेश देने में भी कामयाब रही। सिनेमा जब बिना आवाज के थी तो भी यह मनोरंजन का ही जरिया थी। क्रमवार सिनेमा ने अपनी विकास यात्रा में कई नए आयाम जोड़े। सिनेमा के पर्दों पर दृश्य काले-सफेद से रंगीन हो गए।

बर्थ डे स्पेशल: मधुर भंडारकर, निर्देशक जिन्होंने वीडियो कैसेट देखकर सीखा फिल्म बनाते कैसे हैं

IANS | August 26, 2024 9:50 AM

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। स्कूल ड्रॉपआउट, तंगी और छोटी उम्र में जीविका चलाने के लिए अथक प्रयास यह है उस निर्माता निर्देशक का नाम जिन्हें हम और आप मधुर भंडारकर के तौर पर पहचानते हैं।