जयकिशन: दोस्तों के बीच 'अमेरिकन लेडी' और मिजाज से रोमांटिक इस संगीतकार ने अपनी धुनों से हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग तैयार किया
नई दिल्ली, 12 सितंबर(आईएएनएस)। 'अकेले-अकेले कहां जा रहे हो', 'तुमने पुकारा और हम चले आए', 'हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं', 'दीवाने का नाम ना पूछो', 'इस रंग बदलती दुनिया में', 'प्यार हुआ इकरार हुआ', 'बोल राधा बोल', 'तेरा जाना दिल के अरमानों का लूट जाना', 'तुम्हें याद करते-करते', 'पर्दे में रहने दो', 'अजीब दास्तां है ये', 'पान खाये सैयां हमारो', 'कहता है जोकर सारा जमाना', 'चल संन्यासी मंदिर में','एहसान तेरा होगा मुझ पर' ये उस दौर के गाने हैं जब हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग चल रहा था। यानि हिंदी सिनेमा में 50 और 60 का दशक। फिल्मों के गाने ऐसे जिसे 6 दशक बीत जाने के बाद भी आज आप सुनेंगे तो गुनगुनाने पर मजबूर हो जाएंगे।