लौरिया विधानसभा सीट : कभी कांग्रेस का गढ़, अब भाजपा का मजबूत किला
लौरिया, 2 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम चंपारण जिले में स्थित लौरिया विधानसभा क्षेत्र कभी कांग्रेस पार्टी का मजबूत गढ़ हुआ करता था, लेकिन समय के साथ यहां राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। 1957 से लेकर 2000 तक कांग्रेस ने इस सीट से कुल सात बार जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2000 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की पकड़ इस सीट पर ढीली पड़ गई और इसके बाद से जेडीयू और भाजपा ने यहां लगातार दबदबा बनाए रखा। 2010 में जरूर एक बार निर्दलीय उम्मीदवार विनय बिहारी ने जीत दर्ज की, लेकिन बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए और वर्तमान में भी लौरिया से भाजपा के विधायक हैं।