सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना में कविता, नाटक और व्यंग्य का अद्भुत संगम, शब्दों में बसी थी समाज की धड़कन
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य में कुछ रचनाकार ऐसे होते हैं, जिनकी लेखनी कविता, नाटक, व्यंग्य और बाल साहित्य के रंगों को एक साथ समेट लेती है। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ऐसी ही एक शख्सियत थे, जिनकी रचनाओं में शब्दों के साथ-साथ संवेदना, अनुभव और समाज की नब्ज़ थामने की ताकत थी।