भगवती चरण वर्मा : जीवन के 'चित्र' पर अपने लेख की अमिट छाप छोड़ने वाले "चित्रलेखा" के सृजनहार
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। जब हिंदी साहित्य में नवीनता और मौलिकता की धारा बह रही थी। उसी धारा के प्रवाह में एक ऐसा नाम उभरा जिसने शब्दों को जीवन दिया और भावनाओं को अमर कर दिया। भगवती चरण वर्मा, जो अपने युग की धड़कन को सुनते और अपने साहित्य में जीवन के गहरे अनुभवों को संजोते थे। उनका लेखन, चाहे वह उपन्यास हो या काव्य, समाज की सच्चाइयों का आईना था।