नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। त्वचा सिर्फ सुंदरता का प्रतीक नहीं है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य का आईना भी है। आज के समय में जहां केमिकल युक्त कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल आम हो गया है, वहीं आयुर्वेद हमें त्वचा की असली सुंदरता प्राकृतिक तरीके से पाने का रास्ता दिखाता है।
असली सुंदरता केवल सतही देखभाल से नहीं, बल्कि शरीर और मन के संतुलन से आती है। आयुर्वेदिक उपाय बिना साइड इफेक्ट के त्वचा को पोषण और निखार देते हैं। आयुर्वेद में नीम, हल्दी, मंजिष्ठा, एलोवेरा, गुलाब, चंदन, तुलसी और त्रिफला जैसी कई जड़ी-बूटियों का वर्णन है, जो त्वचा को भीतर से पोषण देती हैं और उसे रोगमुक्त और चमकदार बनाती हैं।
नीम रक्त शुद्ध करता है और मुंहासों, फोड़े-फुंसी या एलर्जी में मदद करता है। हल्दी सूजन कम करती है और त्वचा में प्राकृतिक चमक लाती है। मंजिष्ठा दाग-धब्बों को मिटाकर त्वचा को स्वस्थ बनाती है, जबकि एलोवेरा ठंडक और नमी प्रदान करता है। गुलाब जल त्वचा को टोन करता है और रोमछिद्रों को साफ करता है। चंदन और तुलसी त्वचा को शीतलता और ऊर्जा देते हैं।
त्रिफला पेट की सफाई कर त्वचा में निखार लाता है और हरिद्रा खंड एलर्जी, खुजली या चकत्तों में लाभकारी है। नारियल तेल और लौंग कपूर का संयोजन त्वचा की नमी बनाए रखता है और संक्रमण से बचाता है।
घरेलू उबटन जैसे बेसन, हल्दी, चंदन पाउडर, गुलाब जल, नीम पाउडर और दही का मिश्रण त्वचा की देखभाल के लिए बहुत असरदार है। इसे सप्ताह में दो बार लगाने से त्वचा मुलायम, चमकदार और स्वस्थ रहती है।
इसके अलावा, सही खानपान और नियमित दिनचर्या का पालन करना बहुत जरूरी है। अनहेल्दी या तली-भूनी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। ये ना सिर्फ आपकी स्किन को खराब करती हैं, बल्कि सेहत के लिए भी नुकसानदायक हैं। इसके बजाय आपको हरी सब्जियों, मौसमी फलों और कम तेल मसाला वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। साथ ही रोजाना थोड़ा व्यायाम करें और कम से कम 8 घंटे की अच्छी नींद लें।
--आईएएनएस
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