समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से संबद्ध है प्रयागराज का यह प्रसिद्ध मंदिर
महाकुंभनगर, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। तीर्थराज प्रयागराज के पौराणिक मंदिरों में नागवासुकी मंदिर का विशेष स्थान है। सनातन आस्था में नागों या सर्प की पूजा प्राचीन काल से की जाती रही है। पुराणों में कई नागों की कथाओं का वर्णन है, जिनमें से नागवासुकी को सर्पराज माना जाता है। नागवासुकी भगवान शिव के कण्ठहार हैं, समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार नागवासुकी सागर को मथने के लिए रस्सी के रूप में प्रयुक्त हुए थे।