भारत की सामूहिक भावना का वर्णन करती है संविधान की प्रस्तावना : जेजीयू में संविधान दिवस व्याख्यान में गोपालकृष्ण गांधी

IANS | November 30, 2024 2:59 PM

सोनीपत, 30 नवंबर (आईएएनएस)। “भारतीय संविधान की प्रस्तावना दार्शनिक और राजनीतिक रूप से आशावादी और अद्वितीय है। यह हमें पुस्तकों की इस पुस्तक का लेखक, मालिक और प्राप्तकर्ता बनाता है। हम, भारत के लोग...यह अंग्रेजी में लिखा गया है, लेकिन गैर-अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद वास्तव में हमें बताता है कि हम कौन हैं (वयं भारतस्य जना)। यह हमें भारत की सामूहिक भावना की ताकत का एहसास कराता है। कहा गया, भारत का संविधान निर्दोषों के लिए ईमानदारों और आकांक्षाओं के लिए आदर्शवादियों द्वारा बनाया गया है। संविधान के उपहार के साथ चार अन्य चीजें आईं: राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय आदर्श वाक्य - सत्यमेव जयते - और प्रतीक। राष्ट्रीय आदर्श वाक्य के रूप में केवल सत्य की ही जीत होती है, यह निर्दोष है, क्योंकि यह सही या गलत या व्यक्तियों को नहीं देखता है।''   ये बातें 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान को अपनाने की  75वीं वर्षगांठ पर पूर्व उच्चायुक्त और राजदूत व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल प्रोफेसर गोपालकृष्ण गांधी ने संविधान दिवस व्याख्यान में कही।

भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए एक अनोखा संग्रहालय उद्घाटन के लिए तैयार

IANS | November 22, 2024 2:00 PM

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के सोनीपत स्थित जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में भारतीय संविधान और उसमें निहित अधिकारों व स्वतंत्रताओं पर केंद्रित एक अनोखा संग्रहालय 23 नवंबर को उद्घाटन के लिए तैयार है। यह जानकारी विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर सी. राज कुमार ने दी।

सुप्रीम कोर्ट के टेलीकॉम कंपनियों को टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के फैसले का इंडस्ट्री ने किया स्वागत

IANS | November 20, 2024 6:56 PM

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट के बुधवार को टेलीकॉम कंपनियों के पक्ष में दिए गए फैसले का इंडस्ट्री ने स्वागत किया।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कथित तौर पर एआई-जनरेटेड असाइनमेंट जमा करने वाले छात्र की याचिका का निपटारा किया

IANS | November 20, 2024 3:37 PM

नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। एक लॉ स्टूडेंट ने ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट को "फेल" कर दिया था क्योंकि उसने कथित तौर पर "एआई से जनरेटेड" असाइनमेंट जमा किया था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया है।

सीसीपीए ने उपभोक्ता शिकायत समाधान प्रक्रिया को लेकर ओला इलेक्ट्रिक की जांच के आदेश दिए

IANS | November 14, 2024 6:46 PM

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक की उपभोक्ता शिकायत समाधान प्रक्रिया को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को मेडिकल आधार पर जमानत दी

IANS | November 11, 2024 6:22 PM

मुंबई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मेडिकल आधार पर जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को जमानत दे दी है।

जेट एयरवेज का सफर समाप्त, 1.48 लाख रिटेल निवेशकों के पैसे अटके

IANS | November 7, 2024 6:24 PM

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। जेट एयरवेज की संपत्तियों के बेचने के सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को आए आदेश के बाद 1.48 लाख रिटेल निवेशकों के पैसे कंपनी के शेयर में फंस गए हैं।

मैरिटल रेप को क्रिमिनलाइ‌ज किया गया तो समाज का ताना बाना बिखर जाएगा : एडवोकेट नीरज कुमार

IANS | October 4, 2024 9:26 PM

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश में मैरिटल रेप (वैवाहिक बलात्कार) का मामला इन दिनों कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से गरमा गया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। कई लोगों का मानना है कि इसे क्रिमिनलाइज किया जाना चाहिए, जबकि कुछ इसे एक सामाजिक मुद्दा मानते हैं, जिसका समाधान कोर्ट के बजाय समाज में ही तलाशने की बात करते हैं।

पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने सोली जे सोराबजी मेमोरियल लेक्चर में कहा, 'असहमति का अधिकार लोकतंत्र की पहचान है'

IANS | September 23, 2024 1:36 PM

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने हाल ही में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल की ओर से आयोजित सोली जे. सोराबजी मेमोरियल लेक्चर में कहा, "असहमति का अधिकार लोकतंत्र की पहचान है। स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार लोकतंत्र की पहचान है और जाने-माने न्यायविद (ज्यूरिस्ट) और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली जे. सोराबजी इस अधिकार के पक्के समर्थक और समर्थक थे।"

दिल्ली की निर्भया से कोलकाता की अभया तक, 12 साल बाद भी क्यों नहीं रुक रही हैवानियत?

IANS | August 23, 2024 2:14 PM

नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। आज से लगभग 12 साल पहले दिल्ली की निर्भया के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उस घटना के बाद बहुत कुछ बदला। सरकारें बदलीं, कानून बदला, टेक्नोलॉजी बदली, देश हर मोर्चे पर और आगे बढ़ा, इस विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, साल बदला, जगह बदली - यदि कुछ नहीं बदला तो वह है देश की बेटियों के साथ होने वाली दरिंदगी और महिलाओं को लेकर पुरुष प्रधान भारतीय समाज की सोच।