महाशिवरात्रि : द्वादश ज्योतिर्लिंग जहां बसते हैं महादेव, भक्तों की मनुहार को करते हैं सहर्ष स्वीकार
नई दिल्ली, 25 फरवरी (आईएएनएस)। महाशिवरात्रि मनाने के दो कारण हैं। इस दिन भगवान शंकर का विवाह हुआ था तो दूसरा (ईशान संहिता के अनुसार) फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी की रात आदिदेव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए थे। बाद में भक्तों के कल्याण के लिए, उनके गुहार और मनुहार पर भगवान ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए। भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण छोर तक बाबा उपस्थित हैं।