ट्यूनिशिया की एक ऐसी क्रांति जिसमें एक बूंद खून भी नहीं बहा, लेकिन देश बदल गया
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। 1987 के 7 नवंबर की सुबह ट्यूनिशिया के लिए कुछ अलग थी। राजधानी ट्यूनिस शांत थी, लेकिन इतिहास करवट ले चुका था। रात भर सत्ता की दीवारों के भीतर एक ऐसा फैसला लिया गया था जिसने देश की दिशा बदल दी। एक रक्तहीन तख्तापलट की पटकथा लिखी गई और उसने मूर्त रूप भी लिया।