तोप के गोले और गोलियों की तड़तड़ाहट के सामने डटी घुड़सवार सेना, जिनके पराक्रम ने दुनिया को कराया भारतीय सैनिकों की वीरता का एहसास
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। पूरी दुनिया जब आधुनिक हथियारों के खौफ से जूझ रही थी। हर तरफ मंजर ये था युद्ध तोप और बंदूकों के दम पर लड़ी जा रही था। तब भारत के जांबाज घुड़सवारों ने युद्ध के मैदान में इन तोप और गोलों का डंडों और तलवार के दम पर ऐसा मुकाबला किया कि पूरी दुनिया उनके इस पराक्रम का आज भी यश गान करती है। 23 सितंबर 1918 यानी 106 साल पहले का यह संघर्ष तब से लेकर आज तक दुनिया को यह बताता रहा है कि भारतीय सेना के पराक्रम के आगे किसी की कुछ भी नहीं चलती चाहे दुश्मन कितना ही ताकतवर और हथियारों से लैस क्यों ना हो।