'आपदा के बाद की कार्रवाई' से अधिक महत्वपूर्ण हैं 'निवारक उपाय'
कोलकाता, 11 नवंबर (आईएएनएस)। सर्दियों के आगमन के संकेत मिलने के साथ ही कोलकाता अपने सबसे खराब प्रदूषित दौर की ओर बढ़ रहा है, जो वसंत के आगमन तक जारी रहेगा। प्रसिद्ध हरित प्रौद्योगिकीविद् और पर्यावरण कार्यकर्ता, सोमेंद्र मोहन घोष का कहना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को गिरने से बचाने के लिए आपदा के बाद की जाने वाली कार्रवाइयों की तुलना में निवारक उपाय अधिक महत्वपूर्ण हैं।