छात्रों को आत्महत्या से बचाने के लिए जरूरी है 'उम्मीद': शिक्षाविद्
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव, रिजल्ट का डर, पढ़ाई का दबाव, रैगिंग जैसी कई घटनाओं के कारण छात्र आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक्सीडेंटल डेट्स एंड सुसाइड इन इंडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में 13,000 से ज्यादा छात्रों ने अपनी जान गंवाई है। यानी औसतन प्रति दिन 35 से ज्यादा छात्रों मौत हुई है। छात्रों में आत्महत्या के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने ‘उम्मीद’ नामक नई पहल की है।