IANS
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July 3, 2025 2:38 PM
नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। फिल्म इंडस्ट्री के हर दौर में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो चमक-दमक से नहीं, बल्कि अपने सादगीभरे अंदाज से दर्शकों के दिलों में उतर जाते हैं। 1960 के दशक की बात करें तो उस वक्त बड़े सितारे फिल्मों के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन एक मासूम सा चेहरा पर्दे पर आया, जिसने बिना किसी शोर-शराबे के अपनी गहरी छाप छोड़ी। वह चेहरा था सुशील कुमार का...मुंबई की एक चॉल से निकलकर फिल्मी पर्दे तक का उनका सफर काफी प्रेरणादायक है। उनकी 'धूल का फूल', 'काला बाजार' और खासकर 'दोस्ती' जैसी फिल्मों को आज भी पसंद किया जाता है। उनके करियर में सुनहरा मोड़ उस वक्त आया, जब उन्हें राजश्री प्रोडक्शंस से तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट ऑफर हुआ, जो उस दौर में हर उभरते कलाकार का सपना हुआ करता था।