चमोली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं। महिलाएं योजनाओं का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उत्तराखंड के चमोली की महिलाएं राष्ट्रीय आजीविका मिशन (ग्रामीण) के तहत आत्मनिर्भर बन रही हैं।
समूह की महिलाएं आकर्षक पीरूल, भोजपत्र और वैजयंती की राखी बनाकर हजारों की कमाई कर रही हैं।
वहीं, चमोली के मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया मुख्यमंत्री सशक्त बहना योजना के तहत जनपद की महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए 18 जगहों पर स्टाल लगाए गए हैं। इसके माध्यम से उनके द्वारा बनाए गए पीरूल ,भोजपत्र और वैजयंती की बनी राखियां बेची जा रही है। इसके साथ ही उनके द्वारा पारंपरिक मिष्ठान अरसे और रोटने भी बेचे जा रहे हैं। जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है। इससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
समूह की महिलाएं पारंपरिक मिठाइयां अरसे और रोटने के माध्यम से अच्छी कमाई कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि यह सरकार द्वारा संचालित योजन योजनाएं उनके लिए वरदान साबित हुई है।
समूह की महिला सदस्य प्रतिभा तिवाड़ी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि पीरूल और वैजयंती माला की राखियां बनाई हैं। इस राखी को बुनाई वाले धागे से बनाया गया है। बहुत सारी राखियों की बिक्री हो गई है। मैंने स्टाल पर पांच सौ राखियां रखी थी, जिसमें 200 बिक गई हैं। इससे हम आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
समूह की महिला सदस्य संगीता बिष्ट ने बताया कि उन्होंने बहुत अच्छी-अच्छी राखियां बनाई हैं। वैजयंती माला से बनी राखी से मन शांत होता है। इन राखियों की मांग अन्य राज्यों में हैं। सुमन देवी ने बताया कि समूह ने पीरूल की राखी और पहाड़ी उत्पाद तैयार किया गया है। सरकार की इस योजना से हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
--आईएएनएस
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