वर्ल्ड मेडिटेशन डे: एक नहीं तीन प्रकार के होते हैं ध्यान, अभ्यास से मिलते हैं अनगिनत लाभ

वर्ल्ड मेडिटेशन डे: एक नहीं तीन प्रकार के होते हैं ध्यान, अभ्यास से मिलते हैं अनगिनत लाभ

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। तनाव, अनिद्रा हो या अन्य मानसिक समस्याएं, इनसे निजात दिलाने में मानसिक अभ्यास का प्राचीन तरीका ध्यान कारगर है। ध्यान के अभ्यास से विचारों का भटकना रुकता है, मन शांत होता है और आंतरिक शांति मिलती है। आज विश्व ध्यान दिवस है। मुख्य तौर पर ध्यान तीन प्रकार के होते हैं, जिनके अभ्यास से अनगिनत लाभ मिलते हैं।

जब मन भटकता है, तब ध्यान ही सही दिशा दिखाता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव दूर होता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ध्यान के महत्व और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में जानकारी देता है। ध्यान न केवल मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है।

ध्यान के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं- ध्यान तनाव को कम करने में बहुत सहायक है। यह एकाग्रता और फोकस को बढ़ाता है साथ ही भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह नींद की गुणवत्ता में सुधार कर ब्लड प्रेशर और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा प्राचीन योग ग्रंथों का हवाला देते हुए ध्यान के तीन मुख्य प्रकार बताता है, जो घेरण्ड संहिता में वर्णित हैं। ये प्रकार साधकों के स्तर के अनुसार हैं।

स्थूल ध्यान :- यह साकार या भौतिक आकृति पर केंद्रित होता है, जैसे गुरु या इष्ट देव की मूर्ति पर ध्यान। यह प्रारंभिक साधकों के लिए सबसे उपयुक्त है, क्योंकि इसमें ठोस रूप की कल्पना आसान होती है।

ज्योतिर्मय ध्यान :- इसमें आत्म-ज्योति या प्रकाशपुंज ब्रह्म का ध्यान किया जाता है। यह स्थूल ध्यान से सौ गुना श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह अधिक सूक्ष्म और आंतरिक स्तर पर काम करता है।

सूक्ष्म ध्यान :- यह बिन्दुमयी ब्रह्म या कुंडलिनी शक्ति पर केंद्रित होता है। घेरण्ड संहिता के अनुसार, यह ज्योतिर्मय ध्यान से लाख गुना श्रेष्ठ है और उच्च स्तर की साधना के लिए है।

ये प्रकार योग की प्राचीन परंपरा से जुड़े हैं और ध्यान को क्रमबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। आज के तनावपूर्ण युग में ध्यान मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव का सरल उपाय है। रोजाना कुछ मिनट ध्यान से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस