नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को डिजाइन करने वाले मशहूर मूर्तिकार राम सुतार के निधन पर दुख प्रकट किया। विश्व प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार का निधन सौ साल की उम्र में हो गया। उन्होंने नोएडा स्थित अपने आवास पर बुधवार की रात अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''पद्म भूषण से सम्मानित और जाने-माने मूर्तिकार राम सुतार जी के निधन से दुखी हूं, जिन्होंने अपने असाधारण योगदान से भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है। उनकी शानदार कृतियां, जिनमें 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' भी शामिल है, भारत की स्थायी विरासत के महान प्रतीक हैं। उनकी कला आने वाली पीढ़ियों के कलाकारों को प्रेरित करती रहेगी। मैं उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।''
पीएम मोदी ने कहा कि राम सुतार जी एक असाधारण मूर्तिकार थे, जिनकी निपुणता ने भारत को केवडिया स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' सहित कई प्रतिष्ठित स्मारक प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि उनकी कृतियों को भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की सशक्त अभिव्यक्ति के रूप में हमेशा सराहा जाएगा और उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय गौरव को अमर कर दिया है। उनकी कृतियां कलाकारों और नागरिकों को समान रूप से प्रेरित करती रहेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, ''राम सुतार जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। वे एक असाधारण मूर्तिकार थे, जिनकी कलात्मकता ने भारत को केवडिया स्थित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' सहित कई प्रतिष्ठित स्मारक प्रदान किए। उनकी कृतियों को भारत के इतिहास, संस्कृति और सामूहिक भावना की सशक्त अभिव्यक्ति के रूप में हमेशा सराहा जाएगा। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय गौरव को अमर कर दिया है। उनकी कृतियां कलाकारों और नागरिकों को समान रूप से प्रेरित करती रहेंगी। उनके परिवार, प्रशंसकों और उनके अद्भुत जीवन और कार्यों से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।''
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, ''स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आर्किटेक्ट, महान मूर्तिकार राम सुतार जी का निधन अत्यंत दुखद है। भारतीय संस्कृति व विरासत को युवा पीढ़ी के बीच चिरस्मरणीय बनाने हेतु ऐतिहासिक मूर्तियों का निर्माण करने वाले राम सुतार जी ने अजंता-एलोरा की मूर्तियों के जीर्णोद्धार में भी अहम भूमिका निभाई। उनका निधन भारतीय कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों व प्रशंसकों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।''
--आईएएनएस
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