नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। आयुष मंत्रालय समय-समय पर राष्ट्रीय टीकाकरण जागरूकता अभियान चलाता है। इस दौरान लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें टीकों के महत्व के साथ इनको क्यों लगाया जाना चाहिए, इस बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है, साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है।
इसी सिलसिले में नोएडा स्थित सीएचसी भंगेल की सीनियर मेडिकल ऑफिसर और प्रसूति विज्ञानी-स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनेकोलॉजिस्ट) डॉ. मीरा पाठक ने आईएएनएस से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कौन सी वैक्सीन लगवानी चाहिए और इसके क्या फायदे होते हैं।
डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कौन-कौन सी वैक्सीन लगवानी चाहिए और कौन सी वैक्सीन लेने से बचना चाहिए।
डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि प्रेग्नेंसी ऐसा समय होता है जिसमें हम टीका लगाकर मां और बच्चे दोनों को कई प्रकार की बीमारियों से बचा सकते हैं। पर हमें इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि अगर वैक्सीन लाइव वायरस वैक्सीन है, तो इससे बच्चे को कोई इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में गर्भ में पल रहे बच्चे को इंफेक्शन ना हो इसका विशेष ध्यान रखना होता है। इसलिए कौन सी वैक्सीन इस दौरान महिलाओं को दी जाए इसका खास ध्यान डॉक्टर्स को रखना होता है।
डॉ. मीरा पाठक ने आगे कहा कि गर्भावस्था के दौरान दो ही वैक्सीन महिलाओं को लगती हैं। पहला है टी-टैप (टीडीएपी टीका), जो बहुत जरूरी है। इसका सिंगल डोज लगता है। ये टीका टिटनेस और डिप्थीरिया से बचाता है। इसे गर्भावस्था के अंतिम के तीन महीने में लगाया जाता है। अगर मां को पहले भी ये वैक्सीन लग चुकी होती है, तब भी ये फिर से गर्भावस्था के दौरान लगाई जाती है। यही नहीं, अगर किसी महिला की दूसरी प्रेग्नेंसी है या कोई भी प्रेग्नेंसी है, तब भी इसे हर बार लगाया जाता है।
उन्होंने कहा, "दूसरी वैक्सीन फ्लू वैक्सीन है। ये गर्भवती महिलाओं को कॉमन कोल्ड या इन्फ्लुएंजा से बचाती है। इन्हें इसलिए लगाया जाता है ताकि प्रेग्नेंट महिलाओं की इम्यूनिटी बरकरार रखी जा सके। अगर इम्यूनिटी कमजोर होती है तो जोखिम की संभावनाएं बढ़ती हैं। इसलिए ये वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है। इनके अलावा और कोई वैक्सीन गर्भवती महिलाओं को नहीं लगाई जाती है।"
–आईएएनएस
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