मुंबई, 7 जुलाई (आईएएनएस)। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने सोमवार को कहा कि हमें नए नियमों की नहीं, बल्कि अधिक प्रवर्तन और निगरानी की आवश्यकता है।
पांडे की ओर से यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है, जब जेन स्ट्रीट मामला सामने आने के बाद नए नियमों को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
मीडिया से बातचीत करते हुए जेन स्ट्रीट मामले पर बोलते हुए सेबी चीफ ने कहा,"बाजार नियामक के पास सभी प्रकार की धोखाधड़ी और हेराफेरी के खिलाफ कार्रवाई करने की ताकत है और हमारा अंतरिम आदेश इसकी गवाही दे रहा है। "
उन्होंने आगे कहा कि जेन स्ट्रीट के लिए जारी किए गए आदेश में काफी विश्लेषणात्मक कार्य किया गया था, हालांकि धोखाधड़ी वाली गतिविधियां कई तरीकों से की जाती हैं।
पांडे ने कहा, "हेरफेर करने वाले व्यवहारों को अलग-अलग खिलाड़ियों द्वारा अलग-अलग तरीकों से समझा जा सकता है। ऐसा कोई एक खास तरीका नहीं है जिससे आपको आकलन करना पड़े... हमारे पीएफयूटीपी विनियमों में बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि बाजार में हेरफेर करने वाले और धोखाधड़ी वाले व्यवहारों की अनुमति नहीं है और विनियमों के अंतर्गत सेबी के पास जांच करने और कार्रवाई करने की सभी शक्तियां हैं।"
सेबी चेयरमैन ने आगे कहा कि नियामक और एक्सचेंज इस मामले को निगरानी मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।
सेबी ने जेन स्ट्रीट पर आरोप लगाया गया है कि उसने नियमों के खिलाफ जाकर गलत रणनीतियों के इस्तेमाल से इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया है।
सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी सूचकांक को आर्टिफिशियल तरीके से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति तैयार की।
बाजार नियामक ने पाया कि 1 जनवरी, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच, जेन स्ट्रीट और उसकी संस्थाओं ने 43,289 करोड़ रुपए का चौंका देने वाला मुनाफा कमाया, जो मुख्य रूप से बैंक निफ्टी ऑप्शन से था।
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