क्यों जरूरी था बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण, सीमावर्ती जिलों से चौकाने वाला आधार डाटा आया सामने
नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आधार कार्ड पंजीकरण को लेकर चौंकाने वाला डेटा सामने आया है। इन आंकड़ों ने न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता से जुड़ी चिंताओं को भी हवा दे दी है। जहां पूरे राज्य की औसत आधार सैचुरेशन दर 94% है, वहीं मुस्लिम बहुल जिलों, जिनका बॉर्डर दूसरे देश से लगा है, वहां यह आंकड़ा 120 फीसदी से भी अधिक पहुंच गया है।