IANS
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November 24, 2025 5:32 PM
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। डोमिनिकन गणराज्य, 1960। एक ऐसा समय जब बोलना गुनाह और सच कहना सजा बन चुका था। तानाशाह राफेल तुजिलो के शासन में भय और दबाव का ऐसा माहौल था कि लोग नाम लेकर उनकी आलोचना करने से भी डरते थे। लेकिन इसी डर के बीच तीन साधारण-सी दिखने वाली बहनें असाधारण साहस के साथ खड़ी हुईं। नाम था पैट्रिया, मिनर्वा और मारिया टेरेसा मिराबल। वे किसी राजनीतिक घराने से नहीं थीं बल्कि मध्य डोमिनिकन के किसान परिवार से थीं। ये तीनों बेहद खास थीं। उनके भीतर अन्याय के खिलाफ लड़ने का वह जज्बा था जो किसी बड़ी क्रांति को जन्म दे सके।