कब्ज से लेकर डायबिटीज तक, हर मर्ज की दवा है हरीतकी
नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी हैं, जिन्हें अमृत समान माना गया है और हरीतकी उन्हीं में से एक है। संस्कृत में इसे अभया कहा गया है, यानी जो भय को दूर करे। यह त्रिफला का एक अहम हिस्सा है और शरीर को जवान, स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने वाली औषधियों में गिनी जाती है।