'जिंदगी... कैसी है पहेली हाय', शायद सलील नहीं होते तो इस गुत्थी को कोई सुलझा नहीं पाता
नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। पूरब और पश्चिम के संगीत का मिश्रण किसी की बनाई धुन में आपको सुनने को मिले तो आपको स्वतः ही लग जाएगा कि दुनिया एकदम से एक जगह इकट्ठी सी हो गई है। कुछ ऐसा ही हिंदी सिनेमा के गानों में संगीत के साथ प्रयोग किया सलील चौधरी ने, जिस पूरा बॉलीवुड 'सलील दा' के नाम से हीं पुकारता रहा।