हिसार, 11 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका को हिसार की एक अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया। ज्योति की याचिका खारिज होने के बाद उनके वकील ने कहा कि वह इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे।
ज्योति मल्होत्रा के अधिवक्ता कुमार मुकेश ने बताया कि अदालत में करीब 20 से 25 मिनट तक जमानत याचिका पर बहस हुई, जिसमें जज ने दोनों पक्षों की बातों को गंभीरता से सुना। उन्होंने बताया कि अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी, हालांकि फैसले में जमानत नहीं देने का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले की जांच अभी जारी है। पुलिस ने यह दलील दी कि ज्योति मल्होत्रा के बैंक खातों की जांच की जा रही है और उनके कब्जे से बरामद किए गए मोबाइल फोन और लैपटॉप का डेटा भी विश्लेषण के अधीन है। पुलिस का कहना है कि यह मामला देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता से जुड़ा है, इसलिए इस पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जाना चाहिए।
अधिवक्ता मुकेश ने आगे कहा कि एफआईआर ज्योति के ही बयान के आधार पर दर्ज की गई है और पुलिस के पास उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भी ठोस सबूत नहीं हैं। वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। इस फैसले को अब सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे।
बता दें कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। वह उन 12 लोगों में शामिल थीं, जिन्हें जासूसी के संदेह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।
बताया गया कि वह पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं। भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को देश से निष्कासित कर दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), खुफिया ब्यूरो और सैन्य खुफिया अधिकारियों ने भी मल्होत्रा से पूछताछ की है। जांच से पता चला है कि वह पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और कुछ अन्य देशों में गई थीं। पुलिस ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मल्होत्रा को एक 'एसेट' के रूप में विकसित कर रही थी।
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