नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान विजय हजारे की गिनती महानतम बल्लेबाजों में की जाती है। अपनी शानदार तकनीक और अनुशासित खेल के लिए प्रसिद्ध हजारे ने भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दिलाई है। रणजी ट्रॉफी में उनका योगदान ऐतिहासिक माना जाता है।
विजय हजारे ने भारत की आजादी से पहले और बाद में देश की बल्लेबाजी को दुनिया के क्रिकेट के नक्शे पर लाने में बहुत योगदान दिया। विजय मर्चेंट के साथ मिलकर, उन्होंने भारतीय टीम को निखारा है।
11 मार्च 1915 को महाराष्ट्र में जन्मे विजय सैमुअल हजारे को महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में महान ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज क्लैरी ग्रिमेट ने कोचिंग दी थी, जो उनके स्टांस में किसी भी बदलाव के खिलाफ थे।
हजारे का सबसे सफल घरेलू सीजन 1943-44 में था, जब उन्होंने 1,423 रन बनाए। इस दौरान हजारे ने 248, 59, 309, 101, 223 और 87 रन की पारियां खेलीं। इसके बाद जून 1946 को उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला।
हजारे ने उस दौर में टेस्ट पदार्पण किया, जब दूसरे विश्व युद्ध के कारण क्रिकेट रुक गया था। ऐसे में भारत में इस खेल को जिंदा रखने का श्रेय काफी हद तक विजय हजारे को जाता है।
1947-48 में ऑस्ट्रेलिया के पहले दौरे पर उन्होंने एडिलेड टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाकर सभी को चौंकाया था। दिसंबर 1951 में जब इंग्लैंड की टीम भारत के दौरे पर आई, तो विजय हजारे ने शानदार पारियां खेलते हुए अपनी छाप छोड़ी।
1948 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे से लेकर 1953 में पाकिस्तान के दौरे तक विजय हजारे का औसत 70 से ऊपर था। वह अपने फील्डर्स से बात करने के लिए 'साइन लैंग्वेज' का इस्तेमाल करते थे।
विजय हजारे अपनी मीडियम-पेस लेग-कटर फेंकते समय लो राउंड-आर्म एक्शन के लिए मशहूर थे। उन्होंने भारत के लिए उस समय गेंदबाजी का भार संभाला, जब टीम में तेज गेंदबाजों की कमी थी। 1947-48 के एडिलेड टेस्ट में उन्होंने डॉन ब्रैडमैन को बोल्ड करते हुए सभी को हैरान कर दिया था।
विजय हजारे ने भारत की ओर से 30 टेस्ट मैच खेले, जिसकी 52 पारियों में 47.65 की औसत के साथ 2,192 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 7 शतक और 9 अर्धशतक निकले। उन्होंने बतौर गेंदबाज 20 विकेट हासिल किए।
238 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में उन्होंने 58.38 की औसत के साथ 18,740 रन बनाए, जिसमें 60 शतक और 73 अर्धशतक शामिल थे। फर्स्ट क्लास करियर में विजय हजारे के नाम 595 विकेट थे।
क्रिकेट में उत्कृष्ट योगदान के लिए साल 1960 में विजय हजारे को 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था। साल 1996 में उन्हें 'सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार' से नवाजा गया। 18 दिसंबर 2004 को इस दिग्गज क्रिकेटर ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
विजय हजारे के सम्मान में उनके नाम पर घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) आयोजित करता है।
--आईएएनएस
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