नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। सुनीता रानी भारत की मशहूर धावक रही हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने देश का नाम रोशन किया है और पदक जीते हैं।
सुनीता रानी का जन्म 4 दिसंबर 1979 को पंजाब के सुनाम में हुआ था। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं। घर की आर्थिक स्थिति सामान्य न होने के बावजूद सुनीता ने दौड़ के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला लिया और स्कूल के दिनों में ही अपनी प्रतिभा को निखारा। स्कूल के दिनों में ही वे जिला व राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा को साबित करने लगी थीं।
सुनीता रानी के करियर को असली उड़ान तब मिली जब वे पंजाब पुलिस का हिस्सा बनीं। इसके बाद से राष्ट्रीय स्तर पर उनका नाम एक धावक के रूप में लोकप्रिय होने लगा। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने पंजाब के लिए विजयी प्रदर्शन करने लगीं। 2000 के सिडनी ओलंपिक में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला धाविका थीं।
2002 के बुशान एशियाई खेलों में सुनीता ने 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता, जिसमें उनका समय 4:06.03 मिनट रहा। यह समय आज भी भारत का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उसी खेलों में उन्होंने 5000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक भी हासिल किया। ये उपलब्धियां भारतीय एथलेटिक्स के लिए ऐतिहासिक थीं, क्योंकि सुनीता ने एशिया की दिग्गज धाविकाओं को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि इस सफलता के बाद उन्हें विवादों का सामना करना पड़ा। जापानी मीडिया ने सुनीता की डोपिंग टेस्ट में नशीले पदार्थ मिलने की खबर छापी। उनके पदक छीन लिए गए। सुनीता ने हमेशा प्रतिबंधित दवा लेने से इनकार किया था। दिल्ली में टीम के प्रस्थान से पहले उनका डोप टेस्ट नेगेटिव आया था। भारतीय ओलंपिक संघ ने इस मामले की जांच की इसके बाद ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया ने भी गलती स्वीकार की और सुनीता दोषमुक्त कर दिया। 4 फरवरी 2003 को भारत में एक समारोह में उन्हें पदक लौटाए गए। सुनीता रानी का 1500 मीटर का 2002 बनाया रिकॉर्ड 19 साल बाद 2021 में हरमिलन कौर बैंस ने तोड़ा था।
1999 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सुनीता को 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। फिलहाल वह पंजाब पुलिस में कार्यरत हैं।
--आईएएनएस
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