सामान्य नहीं पैर के अंगूठे और जोड़ों में अचानक होने वाला दर्द, आयुर्वेद के पास है समाधान

Uric acid

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। क्या आपको भी रात या दिन किसी भी समय अचानक से जोड़ों या पैर के अंगूठे में दर्द होने लगता है, इन जगहों पर लालिमा और सूजन भी रहती है? यह शरीर में बढ़े यूरिक एसिड के संकेत हो सकते हैं। इससे घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। आयुर्वेद के पास इसका समाधान भी है।

यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन (प्रोटीन का हिस्सा) के टूटने से बनने वाला प्राकृतिक अपशिष्ट पदार्थ है। सामान्य रूप से किडनी इसे पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती है। बढ़ने पर यह जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनता है। इसे हाइपरयूरिसेमिया कहा जाता है, जो चुपचाप बढ़कर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

यूरिक एसिड बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। इसमें गलत आहार जैसे ज्यादा दालें (राजमा, छोले), नॉनवेज, शराब, कम पानी पीना, मोटापा, व्यायाम न करना और किडनी की कमजोरी शामिल है। आयुर्वेद में इसे वात-रक्त विकार और मंद अग्नि से जोड़ा जाता है, जहां अपचित आहार 'आम' बनकर रक्त में मिल जाता है और सूजन पैदा करता है।

मेडिकल साइंस के अनुसार, बढ़ा यूरिक एसिड मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल बनाता है, जो जोड़ों में जमा होकर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे अचानक तेज दर्द, खासकर रात में जोड़ों का लाल होकर सूजन होना और पैर के बड़े अंगूठे में तेज दर्द होता है। अनदेखी करने पर बार-बार अटैक, गठिया, किडनी स्टोन और किडनी फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है।

बचाव के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाना फायदेमंद होता है। इसके लिए सुबह के समय गुनगुना पानी पिएं, दिनभर खूब पानी लें, त्रिफला चूर्ण (कम मात्रा में), धनिया बीज का पानी, अजवाइन-सोंठ का काढ़ा उपयोगी हैं। जंक फूड और अल्कोहल का सेवन न करें।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि यूरिक एसिड सिर्फ जोड़ों की नहीं, बल्कि मेटाबॉलिज्म और किडनी की भी समस्या है। दर्द दबाने से नहीं, कारण सुधारने से राहत मिलती है। आहार-दिनचर्या बदलकर और समय पर ध्यान देकर बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। आयुर्वेदिक औषधियां भी यूरिक एसिड में रामबाण काम करती हैं।

हालांकि, किसी भी उपाय से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।

--आईएएनएस

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