अयोध्या, 23 नवंबर (आईएएनएस)। रामनगरी अयोध्या एक बार फिर अपने भव्य और ऐतिहासिक उत्सव के लिए पूरी तरह तैयार है। 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण समारोह होने वाला है और इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शामिल होंगे। वे राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराएंगे। वहीं, कार्यक्रम को लेकर पूरे मंदिर परिसर और शहर में तैयारियों का उत्साह देखने लायक है।
संत समाज में भी इस अवसर को लेकर खासा उत्साह है। कई संतों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया जाना करोड़ों राम भक्तों के लिए गर्व का पल है। उनका मानना है कि पीएम मोदी के प्रयासों से अयोध्या का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव नई ऊंचाई पर पहुंचा है। यहां हुए विकास कार्य लोगों की सोच से परे हैं और लोग बेहद खुश हैं।
जगत गुरु परमहंस आचार्य जी महाराज ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या को सिर्फ निखारा ही नहीं, बल्कि इसे त्रेतायुग जैसा स्वरूप दिया है। जो लोग आज अयोध्या आ रहे हैं, उन्हें और जो पहले आते थे, उन्हें इसका अंतर साफ दिखाई दे रहा है। वेदों, पुराणों और शास्त्रों में जैसे अयोध्या का वर्णन है, उसी तरह अब वास्तविक अयोध्या दिख रही है। यह जगह केवल भगवान श्रीराम की जन्मभूमि ही नहीं, बल्कि मानवता और सभ्यता का केंद्र भी है।
उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम ने अपने जीवन में हमें भाईचारे, प्रेम, पिता-पुत्र के संबंध और समाज व देश के प्रति जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाया। राम मंदिर का भूमि पूजन, शिलान्यास और अब 25 नवंबर को होने वाली धर्मध्वज स्थापना भी प्रधानमंत्री मोदी के हाथों संपन्न हो रही है। इसे लेकर अयोध्यावासी और देश के साधु-संत बहुत उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा कि इस धर्मध्वज की स्थापना एक तरह से अघोषित रूप में हिंदू राष्ट्र की घोषणा है। हिंदू राष्ट्र का मतलब है रामराज और मानवता की स्थापना। वे बताते हैं कि हिंदुत्व का अर्थ केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचना है। यही संदेश इस ध्वज स्थापना के माध्यम से दिया जा रहा है। पूरी दुनिया में इसका असर धीरे-धीरे दिखाई देगा। इससे नफरत का माहौल कम होगा और प्रेम, भाईचारे और मानवता की भावना लोगों में मजबूत होगी। यह सिर्फ अयोध्या या भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
एक अन्य संत ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो अयोध्या कई बार आए हैं। यह काबिल-ए-तारीफ है। संत ने आगे कहा कि हम सब खुश हैं कि उनके कार्यकाल में इतने बड़े और महत्वपूर्ण काम हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी ऐसे ही और कई पहल जारी रहेंगी। संत ने बताया कि राम मंदिर का भूमि पूजन पीएम मोदी ने किया, इसका उद्घाटन भी उन्होंने किया और अब 25 नवंबर को धर्मध्वज की स्थापना भी उनके हाथों होगी। लोगों में इसे देखने की बेहद उत्सुकता है और पूरा शहर इस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
एक और संत ने बताया कि यह अवसर बहुत ही हर्ष और उल्लास का है। सिर्फ पूरे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इसको लेकर खुशी और उत्साह का माहौल है। संतों के अनुसार, इस मौके पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के सुनहरे शिखर पर ध्वज फहराने वाला क्षण हर किसी के लिए गर्व और आनंद का है। पूरे अयोध्या शहर में सजावट और तैयारियां जोरों पर हैं और भक्तों की भीड़ इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए तैयार है।
वहीं, इकबाल अंसारी ने कहा कि पीएम मोदी के प्रयासों की वजह से आज अयोध्या इतनी सुंदर बन गई है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में हर धर्म और समुदाय के देवता मौजूद हैं और भगवान राम खुद इस शहर की रक्षा कर रहे हैं। अंसारी का कहना है कि पीएम मोदी बहुत ही भाग्यशाली हैं कि मंदिर के ध्वज फहराने का मौका मिल रहा है। इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। यह शहर गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है।
--आईएएनएस
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